कोरबा – बीते गुरुवार को गेवरा खदान में पानी छिड़काव करने वाले १०० टन वजनी डम्फर में भीषण आग लग गई। बीते एक माह के भीतर जिले की महज दो खदानों में भारी भरकम वाहनों में आग लगने की यह चौथी घटना है। इससे पूर्व कोयला लोड और खाली टीपर जल कर स्वाहा हो गए वहीं कोल फेस माइनर मशीन भी जलकर खाक हो चुकी है अब पानी टैंकर का जलाना निश्चित रूप से प्रबंधन की उदासीनता का बड़ा उदाहरण है,सवाल यह भी है आगजनी की ये घटनाएं ठंड के मौसम में देखने को मिल रही है। गर्मी के दिनों में अक्सर ऐसी घटनाएं देखने सुनने को मिलती थी।
कोरबा सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल के गेवरा खदान में एक बार फिर आगजनी की घटना हुई हैं। जानकारी के अनुसार ऑपरेटर अविनाश प्रताप सिंह गेवरा खदान के वेस्ट सेक्शन बाघा बार्डर के पास BEML कंपनी के 100 टन क्षमता वाले वाटर टैंकर को लेकर पहुंचा था। बताया जा रहा हैं की इस दौरान शॉर्ट सर्किट की वजह से वाहन के इंजन में आग लग गई जिससे धुआं निकलना शुरू हुआ और देखते ही देखते वाहन सहित पूरा टैंकर आग की चपेट में आ गया। जिससे धू-धू कर आग की लपटें उठने लगी। ऑपरेटर अविनाश ने किसी तरह टैंकर से कूद कर अपनी जान बचाई।इस घटना के बाद खदान में हड़कंप मच गया और कर्मियों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सुरक्षा विभाग के और प्रबंधन के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। आग लगने पर तुरंत फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई लेकिन उसके आने से पहले ही वाहन जल कर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि वाहन के डीजल टैंक में लीकेज की वजह से यह हादसा हुआ है।बताया जा रहा हैं की रखरखाव के अभाव में करोड़ों रुपए के भारी-भरकम मशीनें आग के जद में आ रही है जबकि बीते एक सप्ताह पहले 3 दिसंबर को यहां सुरक्षा पखवाड़ा का समापन हुआ था, जिसमें सुरक्षा बरतने से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी हादसों का दौर लगातार जारी है।